रायपुर। बीएड धारी सहायक शिक्षकों ने अपनी सेवाएं समाप्त किए जाने के विरोध में भाजपा कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने अपनी गिरफ्तारी भी दी। यह प्रदर्शन तब हुआ जब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं और डीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया है और कई पहलुओं पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कई कदम उठाए हैं, लेकिन मामले को लेकर अभी और बातचीत की आवश्यकता हो सकती है।
वहीं, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने युवाओं के साथ विश्वासघात किया है और उनके साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन शिक्षकों की बात सुननी चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। इस पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, जिससे मामला और अधिक गंभीर हो गया है।
बता दें कि..सहायक शिक्षक के पद से लगभग 2900 बीएड धारी शिक्षकों को बर्खास्त किए जाने के बाद युवाओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। बर्खास्तगी की कार्रवाई के विरोध में बीएड सहायक शिक्षक भाजपा कार्यालय पहुंचे और वहां जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सरकार के खिलाफ विरोध जताया और अपनी गिरफ्तारी भी दी।
इस प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को हटाया और स्थिति को नियंत्रित किया। भाजपा कार्यालय में सैकड़ों पुलिसकर्मियों का बल तैनात किया गया था ताकि प्रदर्शन को शांति से निपटाया जा सके। आक्रोशित शिक्षकों ने गिरफ्तारी दी, और उनका कहना था कि सरकार ने उनके साथ अन्याय किया है, जिससे उनका गुस्सा और भी बढ़ गया।
इस बर्खास्तगी के आदेश से बीएड धारी सहायक शिक्षकों के बीच गहरी निराशा और आक्रोश का माहौल है, और वे लगातार इस निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।