रायपुर। केंद्र सरकार ने छोटे शहरों के समग्र विकास के लिए अमृत मिशन उपयोजना 2.0 शुरू की है। इसके तहत देशभर के 675 शहर और कस्बों का चयन किया गया है, जिनकी आबादी 1 लाख से कम है। पहले चरण में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़, कांकेर और महासमुंद को शामिल किया गया है। इन तीनों शहरों के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जो शहरों की 2041 तक की विकास रूपरेखा निर्धारित करेगा।
मास्टर प्लान में शहर की जनसंख्या, भूमि उपयोग, सुविधाएं, परिवहन नेटवर्क, औद्योगिक क्षेत्र, पर्यटन स्थल, आवासीय क्षेत्र, पार्क और सार्वजनिक सुविधाओं का समग्र विश्लेषण होगा। इसके लिए ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और मोबाइल एप के माध्यम से सड़कें, इमारतें, सरकारी ढांचे, खाली जमीन, पानी-सीवर लाइनें और अन्य स्थानीय डेटा एकत्र किया जाएगा। यह डेटा केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, देहरादून में डिजिटल रूप में रिकॉर्ड होगा।
अमृत मिशन 2.0 योजना के पांच प्रमुख बिंदु हैं: जियो-डेटाबेस निर्माण, जीआईएस आधारित मास्टर प्लान, क्षमता निर्माण, राष्ट्रीय शहरी जियो-पोर्टल और एकीकृत मोबाइल एप विकास। पहले तीन बिंदुओं पर टाउन प्लानिंग विभाग कार्य करेगा, जबकि बाकी दो की जानकारी केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को इस योजना का नोडल एजेंसी बनाया गया है, और अतिरिक्त संचालक संदीप बागड़े इसके नोडल अधिकारी हैं। सर्वे डिजिटल और पेपरलेस तरीके से किया जाएगा, जिससे डेटा सटीक, सुरक्षित और भविष्य में अद्यतन करने योग्य रहेगा।
यह मास्टर प्लान शहरों के 20 साल के विकास की दिशा तय करेगा और स्थानीय प्रशासन को योजना निर्माण, संसाधन प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं के बेहतर वितरण में मदद करेगा। इस उपयोजना से छोटे शहरों के सतत विकास, डिजिटल प्रबंधन और नागरिकों के लिए बेहतर जीवन मानक सुनिश्चित करने की उम्मीद है।
