Ambikapur: सैकड़ो की संख्या में वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने से आखिर क्यों हरे भरे जंगल और वन्यप्राणियों पर मंडरा रहा खतरा..पढ़िए

शिव शंकर साहनी@अम्बिकापुर। गर्मी का मौसम आते ही वन्यप्राणीयों के लिए वन विभाग के द्वारा आग से बचाने के साथ जंगलो में खाने पीने की व्यवस्था वनविभाग के कर्मचारी करते हैं. साथ ही जंगलो को आग लगने से बचाने के लिए भी तत्पर रहते है, लेकिन सरगुजा जिले के सैकड़ो की संख्या में वनकर्मी हड़ताल पर चले जाने से हरे भरे जंगल और वन्यप्राणियों के लिए खतरा हो गया है.

सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र ,लखनपुर वन परिक्षेत्र ,अंबिकापुर  वन परिक्षेत्र ,लुंड्रा वन परिक्षेत्र सहित मैनपाठ वन परिक्षेत्र के जंगलो में आग लगने से वन्यप्राणियो और छोटे-छोटे पौधो के लिए खतरा बनता जा रहा है..क्योकि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ वेतन विसंगति सहित 12 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेशव्यापी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है. जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक यह कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.

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इधर वन मंडलाधिकारी पंकज कमल ने खुद माना की डिप्टी रेंजर के जितने भी कर्मचारी थे वे सभी हड़ताल पर चले गए है. जिसकी वजह से कई कामकाजो को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़  रहा है..जंगलो में आग लगने के सवाल पर कहा है कि वन समितियों के पदाधिकारियो ,गांव के सरपंच ,सचिव सहित पुलिस की मदद ली जा रही है.

बहरहाल भले ही जिले के अधिकारी वन्यप्राणी सहित जंगलो को बचाने के दावा कर रहे है,मगर सरगुजा जिले के जंगलो में अवैध लकड़ी कटाई , जंगलो में आग की लपटे साफ तौर पर देखी जा सकती है इससे समझा जा सकता की वन्यप्राणी कितने सुरक्षित होंगे। 

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