रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगलों में डीआरजी की ऐतिहासिक मुठभेड़ में मारे गए माओवादी महासचिव बसवराजु के पास से 2010 ताड़मेटला हमले में लूटी गई एके-47 राइफल बरामद हुई है। यह वही हथियार है जिसे माओवादियों ने सुरक्षा बलों से लूटा था।
कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर जंगल क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 27 माओवादियों को मार गिराया, जिनमें बसवराजु उर्फ बीआर दादा भी शामिल था। बसवराजु पर छत्तीसगढ़ सरकार ने ₹1 करोड़ और अन्य राज्यों ने कुल मिलाकर ₹3.33 करोड़ का इनाम घोषित किया था। वह 2018 से सीपीआई (माओवादी) का महासचिव था और कई राज्यों में दर्ज 258 से अधिक गंभीर मामलों में वांछित था।
ऑपरेशन में एके-47, इंसास, SLR, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर सहित भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। 2010 गवादि और 2017 बुरकापाल हमलों में लूटे गए कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं। मारे गए माओवादियों में 1 महासचिव, 1 डीकेएसजेडसीएम, 4 सीवाईपीसीएम, 3 पीपीसीएम और पीएलजीए कंपनी नंबर 7 के 18 सदस्य शामिल हैं। मारे गए 5 माओवादी तेलंगाना-आंध्र प्रदेश से थे।
20 शव परिजनों को सौंपे गए, जबकि बसवराजु समेत 7 शवों का अंतिम संस्कार प्रशासनिक आदेश से किया गया। माओवादी संगठन ने अपने प्रेस नोट में इस हार को स्वीकारते हुए बसवराजु की मौत पर देशभर में विरोध की धमकी दी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं और सभी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही हैं।