रायपुर। बिलासपुर जिले के महत्वपूर्ण कोनी-मोपका बायपास मार्ग के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। लगभग 13.40 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2010 में शुरू होकर 2016 में पूरा हुआ था, जिस पर कुल ₹2191.93 लाख का व्यय हुआ था। निर्माण के लिए शासन ने 2009 में ही 3574 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी थी।
यह मार्ग IRC 37-2001 के मानकों के तहत 15 वर्षों की डिज़ाइन लाइफ को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। इसके निर्माण में 500 मिमी सब-ग्रेड, 250 मिमी GSB, 250 मिमी WMM, 55 मिमी DBM और 25 मिमी SDBC जैसी संरचनात्मक परतों का उपयोग किया गया था। मार्ग के दोनों ओर दो फसली कृषि भूमि है, जहां 8-9 माह तक जलभराव की स्थिति रहती है, जिससे मार्ग को नुकसान पहुंचा।
निर्माण के दौरान जून 2014 से जून 2016 तक अरपा नदी पर स्थित पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते सभी प्रकार के वाहनों का संचालन इसी मार्ग से किया गया। इससे यातायात दबाव अचानक कई गुना बढ़ गया, जिससे क्रस्ट और सब-ग्रेड को भारी क्षति हुई। एनटीपीसी सीपत, स्पंज आयरन फैक्ट्री और कोल वाशरी जैसी प्रमुख औद्योगिक इकाइयों के भारी वाहनों की आवाजाही ने मार्ग की स्थिति और बिगाड़ दी।
वर्तमान में इस मार्ग पर यातायात घनत्व लगभग 40 MSA तक पहुँच चुका है। CBPD 2221 और PCU 14903 दर्ज किया गया है, जो इसकी जरूरत को दर्शाता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, कोनी-मोपका बायपास मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए 6313.03 लाख की लागत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन स्तर पर इसकी स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है।