मंत्री ओपी चौधरी बता रहे थे ‘विजन-2047’ का रोडमैप, चंद्राकर बोले– उद्योग नीति में छत्तीसगढ़ की झलक नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में उस वक्त अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब कार्यवाही के बीच अचानक एक बिल्ली घुस आई। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ‘नवा अंजोर विजन-2047’ पर संबोधन दे रहे थे। जैसे-जैसे मंत्री का भाषण आगे बढ़ रहा था, वैसे-वैसे सदन में बिल्ली की म्याऊं-म्याऊं की आवाज भी तेज होती गई। इसे सुनकर मंत्री और विधायक करीब पांच मिनट तक हंसते रहे।
इस दौरान कृषि मंत्री रामविचार नेताम वित्त मंत्री की ओर देखकर मुस्कुरा उठे। स्पीकर, मंत्री, विधायक और अधिकारी भी कुछ देर तक हंसी नहीं रोक पाए। बाद में विधानसभा कर्मचारियों ने बिल्ली को बाहर निकाला, तब जाकर सदन की कार्यवाही सामान्य हो सकी।
नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन में ‘विजन-2047’ पर चर्चा हुई, हालांकि कांग्रेस ने पहले दिन सत्र का बहिष्कार किया। इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस को डूबती नाव बताते हुए कहा कि उसका डूबना तय है, इसलिए भाजपा पूरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ रही है।
सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने भी विपक्ष की गैरमौजूदगी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अंजोर विजन-2047 जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कांग्रेस की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि उसे छत्तीसगढ़ के भविष्य और विकास की चिंता नहीं है।
वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने विजन डॉक्यूमेंट का स्वागत करते हुए कुछ सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि ‘नवा अंजोर’ दस्तावेज में शिक्षा और स्वास्थ्य पर ज्यादा फोकस है, लेकिन उद्योग नीति में छत्तीसगढ़ की स्पष्ट झलक नहीं दिखती। चंद्राकर ने ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ की जरूरत पर जोर देते हुए राइस मिलों की खराब स्थिति का मुद्दा भी उठाया।
गौरतलब है कि यह शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर तक चलेगा। दूसरे दिन से प्रश्नकाल शुरू होगा और कानून-व्यवस्था, धान खरीदी, बिजली, जमीन दर और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर सदन में तीखी बहस और हंगामे के आसार हैं।
