छत्तीसगढ़ में उत्तर-मध्य क्षेत्र में शीतलहर तेज: अंबिकापुर 7.5°C पर पहुंचा, अलाव का सहारा; दक्षिण में मलेरिया का खतरा बढ़ा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के उत्तर और मध्य हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 7.5°C दर्ज किया गया, जो इस सीजन की सबसे ठंडी रातों में से एक है।
बलौदाबाजार, पेंड्रा और अंबिकापुर में कड़ाके की सर्दी के कारण लोग सुबह-शाम अलाव का सहारा ले रहे हैं, हालांकि सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की पर्याप्त व्यवस्था न होने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अगले तीन दिनों तक शीतलहर का असर बना रहेगा। इसके बाद न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री तक बढ़ोतरी संभव है। उत्तर भारत में चल रही ठंडी हवाओं ने प्रदेश में तापमान को सामान्य से काफी नीचे ला दिया है।
मैदानी इलाकों में भी ठंड बढ़ गई है। दुर्ग इस वक्त सबसे ठंडा जिलों में शामिल है, जहां रात का तापमान 10.2°C रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से करीब 7 डिग्री कम है। रायपुर में भी नवंबर में 9 साल बाद 13°C तापमान दर्ज हुआ।
पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 30.2°C दुर्ग में जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 7.5°C अंबिकापुर में रिकॉर्ड हुआ। पेंड्रा में हल्की धुंध के बीच सूरज निकला, लेकिन उसके बावजूद कड़ाके की ठंड बरकरार रही।
इधर, तापमान गिरने और मौसम बदलने के बीच दक्षिण बस्तर के सुकमा और दंतेवाड़ा में मलेरिया फैलने का खतरा जताया गया है। लगातार ठंड और नमी की स्थिति बीमारी के प्रसार को अनुकूल बनाती है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।
मौसम विभाग के पुराने रिकॉर्ड के अनुसार, नवंबर में प्रदेश में कभी कड़ाके की ठंड तो कभी असामान्य गर्मी और बारिश भी दर्ज की गई है। 1935 में सबसे ज्यादा तापमान 35.6°C और 1883 में सबसे कम 8.3°C दर्ज हुआ था। वहीं नवंबर 1924 में 138.2 मिमी बारिश का रिकॉर्ड भी बना था।



