दिल्ली लवकुश रामलीला में पूनम पांडेय को मंदोदरी का रोल: बीजेपी में दो राय और VHP की आपत्ति

दिल्ली। दिल्ली में 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली लवकुश रामलीला में एक्ट्रेस पूनम पांडे को मंदोदरी की भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस निर्णय ने विवाद खड़ा कर दिया है और दिल्ली बीजेपी में भी दो धड़े बन गए हैं।
बीजेपी विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने पूनम पांडे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यदि पूनम पांडे मंदोदरी का किरदार निभा रही हैं, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उनका कहना है कि कलाकार अपना काम निभाते हैं और किसी विशेष भूमिका में किसी को रोकना उचित नहीं है। नेगी ने कहा कि रामलीला में सभी कलाकारों का योगदान समान महत्व का है और अभिनय के माध्यम से ही उनकी कला निखरती है।
वहीं दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रभारी और लवकुश रामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि पूनम पांडे की छवि धार्मिक आयोजन के अनुरूप नहीं है। उन्होंने आयोजकों को पत्र लिखकर मांग की कि किसी अन्य कलाकार को मंदोदरी की भूमिका निभाने का मौका दिया जाए।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी कड़ा रुख अपनाया है। संगठन ने कहा कि रामलीला जैसे पवित्र मंच पर पूनम पांडे को स्थान देना हिंदू धर्म और लाखों भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है। VHP ने आयोजकों से तुरंत इस निर्णय को रद्द करने की मांग की, अन्यथा विरोध तेज हो सकता है।
लवकुश रामलीला कमेटी ने स्पष्ट किया कि पूनम पांडे मंदोदरी का रोल ही निभाएंगी। कमेटी के चेयरमैन अर्जुन कुमार ने कहा कि मंदोदरी का किरदार आदर्श महिला चरित्र है और कोई भी महिला इसे निभा सकती है। इस बार रामलीला में 500 से अधिक कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इस विवाद के बीच यह साफ है कि रामलीला के मंच और कलाकारों के चयन को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस तेज हो गई है।