Chhattisgarh

NIKAY CHUNAV: हार के बावजूद मनीषा पटेल ने निकाली जश्न रैली, नाचते-गाते घूमीं वार्ड में

धमतरी। नगर निगम चुनाव के परिणामों के बाद विजेता प्रत्याशियों ने जीत का जश्न मनाया। वे मंदिर गए, विजय जुलूस निकाला और आभार रैलियां कीं। वहीं हार गए प्रत्याशी मतगणना स्थल से सीधे अपने घरों को रवाना हो गए।

इस बीच वार्ड नम्बर 27 के लोग हैरान रह गए, जब कांग्रेस की हारी हुई प्रत्याशी मनीषा पटेल जश्न मनाती हुई वार्ड में घूमने लगीं। मनीषा पटेल अपने समर्थकों के साथ डीजे और ढोल की धुन पर नाचते-थिरकते हुए वार्ड में निकलीं। उन्होंने सभी से हाथ जोड़कर आभार जताया और पूरे वार्ड में घूमती रहीं। यह देख किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था कि मनीषा हार चुकी हैं। धमतरी के 40 वार्डों में से कांग्रेस को सिर्फ 8 वार्डों में ही जीत मिली।

45 वोट कम मिलने से हारी

मनीषा पटेल 45 वोटों से हार गईं, लेकिन हार के बावजूद उन्होंने विजेता से पहले वार्ड में जुलूस निकाल लिया। मनीषा और उनके समर्थकों का कहना था कि, “इस हार में भी हम अपनी जीत देखते हैं। हमने न तो शराब बांटी, न ही पैसा, फिर भी हमें इतने वोट मिले, यही हमारी असली जीत है।” मनीषा के इस जज्बे की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं।

जूदेव ने भी मनाया था जश्न

हार के बाद छत्तीसगढ़ में जश्न मनाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले 1988 में भी इस तरह का जश्न हो चुका है। इस जश्न को मनाने वाले नेता का नाम था दिलीप सिंह जूदेव। मध्य प्रदेश शासन काल में कद्दावर नेताओं में शुमार दिलीप सिंह जूदेव ने कांग्रेस के वरिष्ठ दिवंगत नेता अर्जुन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

हालांकि जूदेव यह चुनाव हार गए थे, लेकिन चुनाव हारने के बाद जगह-जगह उनका भव्य स्वागत हुआ था। उन्हें सिक्कों और धान से तौला गया था। बीजेपी नेताओं के अनुसार उस समय का चुनाव काफी दिलचस्प था। 1949 को जन्मे दिलीप सिंह जूदेव की छवि एक कट्टर हिंदू नेता के तौर पर थी। 1975 में जशपुर नगरपालिका से अध्यक्ष बन कर सत्ता की राजनीति में आए थे। दिलीप सिंह जूदेव का संबंध जशपुर राजघराने से था।

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