रायपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने रायपुर के चर्चित सूदखोर तोमर बंधुओं को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने रायपुर नगर निगम द्वारा वीरेंद्र तोमर के घर पर की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है। साथ ही तेलीबांधा पुलिस को आदेश दिया गया है कि रेड के दौरान जब्त किए गए घर से जुड़े डॉक्यूमेंट की कॉपी उन्हें लौटाई जाए, ताकि निगम के समक्ष वे कागजात पेश कर सकें।
यह फैसला न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया। बचाव पक्ष की ओर से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा और वरिष्ठ वकील सजल गुप्ता ने पैरवी की।रायपुर नगर निगम ने 26 जुलाई को वीरेंद्र तोमर के घर में बने दफ्तर को अवैध घोषित कर रविवार सुबह उसे बुलडोजर से गिरा दिया था। बचाव पक्ष ने बताया कि निगम ने घर को तोड़ने का भी नोटिस दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार, रोहित तोमर ने पत्नी भावना के नाम पर यह दफ्तर खोला था, जहां से सूदखोरी का काम चलता था। दोनों भाई रोहित और वीरेंद्र तोमर पिछले दो महीने से फरार हैं और रायपुर पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी पर इनाम भी रखा है। इस कार्रवाई पर गृहमंत्री विजय शर्मा और डिप्टी सीएम अरुण साव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। डिप्टी सीएम ने कहा कि अब माइक नहीं, सरकार का बुलडोजर बोलेगा। कानून से बड़ा कोई नहीं है, चाहे वह तोमर बंधु हों या कोई और।