कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में लोहारा ब्लॉक के सिंघनगढ़ गांव में सरपंच द्वारा जारी कथित तालिबानी फरमान से गांव में सनसनी फैल गई है। सरपंच और गांव के कुछ दबंगों पर आरोप है कि उन्होंने भगवानी साहू समेत सात परिवारों के लगभग 50 सदस्यों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। इन परिवारों के खिलाफ गांव में बैठक बुलाकर मुनादी कराई गई कि कोई भी व्यक्ति इनसे बातचीत या लेन-देन करेगा तो उसे एक हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।
इस फरमान से परेशान होकर सभी बहिष्कृत परिवारों ने कवर्धा एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित भगवानी साहू ने बताया कि गांव के आयुर्वेद अस्पताल में पदस्थ फार्मासिस्ट विद्यासिंह धुर्वे द्वारा गांव में राजनीति की जा रही है और ताश का जुआ भी खेला जा रहा है। इसको लेकर सात परिवारों ने विधायक को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की थी, जिससे नाराज होकर सरपंच ने सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी कर दिया।
परिवारों का कहना है कि अब उनके बच्चों को दुकान से सामान लेने पर भगा दिया जाता है और गांव में उनके साथ कोई बातचीत नहीं करता। इस अमानवीय व्यवहार से वे मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। एएसपी ने पीड़ितों को उचित कार्रवाई और जल्द समाधान का भरोसा दिलाया है। उन्होंने बताया कि सरपंच और अन्य लोगों को समझाइश दी जाएगी और मामले का शीघ्र निराकरण किया जाएगा।