बोनस राशि मजदूरों तक नहीं पहुंची, अधिकारियों ने आपस में बांट ली रकम
रायपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 7 करोड़ रुपए के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 वनकर्मियों और 7 वनोपज समिति प्रबंधकों समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल को भी अरेस्ट किया जा चुका है। अब तक इस मामले में कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
EOW की जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2021-22 के तेंदूपत्ता सीजन में मजदूरों को दिए जाने वाले बोनस की राशि करीब 7 करोड़ रुपए में भारी घोटाला किया गया। DFO अशोक पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के अन्य अधिकारियों और वनोपज समिति प्रबंधकों के साथ आपराधिक साजिश रची और बोनस की राशि अपने निजी हितों में खर्च कर दी।
इन आरोपियों की गई गिरफ्तारी
घोटाले में शामिल वन विभाग के कर्मचारी चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी हिडमा, मनीष बारसे समिति प्रबंधक पायम सत्यनारायण, मोहम्मद शरीफ, सीएच रमना, सुनील नुप्पो, रवि गुप्ता, आयतू कोरसा, मनोज कवासी को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ IPC की धारा 409 और 120B के तहत अपराध क्रमांक 26/2025 दर्ज किया गया है।
छापेमारी और खुलासे
10 अप्रैल को EOW और ACB की संयुक्त टीम ने सुकमा में 12 स्थानों पर छापे मारे, जिसमें DFO कार्यालय, पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, समिति प्रबंधकों और कर्मचारियों के ठिकाने शामिल थे। DFO कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26.63 लाख रुपए नकद बरामद किए गए।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने खुद इस घोटाले की शिकायत की थी, फिर भी उनके घर छापा मारा गया, जो राजनीतिक द्वेष की साजिश है। जांच अभी जारी है, और EOW अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।