मुठभेड़ में 4 नाबालिगों को लगी गोली, इलाज जारी, मुठभेड़ के बीच नक्सलियों का अमानवीय चेहरा आया सामने, बचने के लिए ग्रामीणों को बना रहे ढाल

नारायणपुर। माओवादी संगठन का क्रुरतापूर्ण चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है। सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में नाका नाबालिग और ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। और मानव कवच के रूप में उनका उपयोग कर रहे हैं। वहीं महिलाएं, बच्चों समेत पूरे समाज के लिए नासूर बन गये माओवादियों की इस तरह की कायराना व अमानवीय हरकतें अब माओवादी संगठन के खात्मे का कारण बनेगी।

अब पूरा मामला संक्षिप्त में 10 दिसंबर 2024 को नारायणपुर के थाना ओरछा थाना क्षेत्र अंतर्गत दक्षिण अबुझमाड़ क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन के माओवादी एकत्रित हुए थे। जिनकी संख्या 50 से 60 के करीब थी। इस सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों की टीम, जिनमें डीआरजी. नारायणपुर, दन्तेवाड़ा, कोण्डागांव, जगदलपुर, एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम जंगल की ओर रवाना हुई। इस बीच यानी की 12 दिसंबर को अबूझमाड़ क्षेत्र के कलहाजा-डोंड़रबेड़ा के जंगल में सुबह के वक्त नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी माओवादियों के फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया। और दोपहर 3 बजे तक रुक – रुक कर फायरिंग होती रही। नक्सलियों की ओर से जब फायरिंग रुकी तो जवानों ने इलाके में सर्चिंग अभियान चलाया। इस दौरान जवानों ने जंगल से 7 वर्दीधारी नक्सलियों के शवों को देखा।इनमें में दो महिला और 4 पुरुष नक्सली का शव शामिल था। साथ ही भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए, जिसमें राइफल, BGL समेत कई हथियार शामिल थे। मुठभेड में बरामद की गई माओवादियों के शव की जवानों ने शिनाख्तगी की। तब पता चला कि मारने वाले नक्सलियों में 25 लाख , 5 लाख और 2 लाख के इनामी नक्सली शामिल है।

इस मामले में पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार द्वारा बताया गया कि जिला नारायणपुर के थाना ओरछा के कोदाकोटी-लेकावाड़ा जंगल पहाड़ क्षेत्र में संचालित की गई सर्च अभियान के दौरान प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी माओवादियों के एक हथियारबंद दल द्वारा सुरक्षा बल को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से लगातार अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। आत्मरक्षा के लिए सुरक्षा बल द्वारा भी जवाबी कार्यवाही की गई। सुरक्षा बल की जवाबी कार्यवाही से कुछ माओवादी कैडर्स घायल होने पर उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने हेतु माओवादी कैडर द्वारा उनके डेरा के पास उपलब्ध कुछ ग्रामीण एवं नाबालिगों को मानव कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुए उनका आड़ लेकर लगातार सुरक्षा बल के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग की जा रही थी। माओवादियों द्वारा उपयोग की गई इस Modus Operandi को देखते हुए सुरक्षा बल द्वारा Fire Control Tactics को अपनाया गया, जिससे माओवादियों द्वारा मानव कवच के रुप में उपयोग किये जाने वाले व्यक्तियों को नुकसान न पहुंचे। परन्तु माओवादियों द्वारा लगातार सुरक्षा बल के ऊपर ग्रामीण का आड़ लेकर अंधाधुंध फायर करते हुए घायल माओवादी एवं ग्रामीणों को लेकर घने जंगल का आड़ लेकर भाग गये। जब माआवादियों की ओर से फायरिंग बंद हुई तब सुरक्षा बल द्वारा आस-पास ईलाके की सर्चिंंग की गई, तब माओवादी द्वारा आड़ लेकर फायर किये गये स्थान से खाली कारतूस एवं आस-पास जगह में खून की निशान मिले परन्तु घटनास्थल के आस-पास कोई घायल व्यक्ति अथवा मृत व्यक्ति नही मिले।*

⚫ *दिनांक 14.12.2024 को पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई कि जिला नारायणपुर थाना ओरछा अंतर्गत ग्राम रेकावाया, इदवाड़ा, कालहाजा, ढोंढरबेड़ा, लेकावाड़ा ब्रेहबेड़ा व आस-पास के जंगल पहाड़ क्षेत्रों मे प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कैडर्स अपने डेरा में उनके संगठन के ग्राम रक्षा सदस्य तथा कुछ ग्रामीणों एवं नाबालिकों को संतरी ड्यूटी करने और नक्सलियों का सामान ढोने के लिए साथ में रखा गया था। दिनांक 12.12.2024 के मुठभेड़ के दौरान इन्हीं ग्रामीणों एवं ग्राम रक्षा दल सदस्यों की आड़ लेकर सुरक्षा बलों पर फायरिंग की गई थी, जिसमें कुछ ग्रामीण, ग्राम रक्षा दल सदस्य एवं आस-पास उपस्थित कुछ ग्रामीणों को नक्सलियों द्वारा फायर की गई गोलियों एवं नक्सलियों द्वारा दागे गए बीजीएल सेल के फटने से घायल होने की सूचना मिली थी। जिसकी तस्दीक पुलिस द्वारा की जा रही थी।

इस दौरान 14 दिसंबर 2024 को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम दिवालुर पंचायत मुरवाड़ा के आस-पास क्षेत्र से 3-4 ग्रामीण जिसमें कुछ नाबालिक भी हैं जो 12 दिसंबर के मुठभेड़ में नक्सलियों की फायरिंग से घायल हुए, जिन्हें इलाज की आवश्यकता है। इनमें से नाबालिग घायल को भैरमगढ़ अस्पताल में ईलाज के लिए लाया गया। सभी 3 घायल नाबालिगों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया

इस दौरान दिनांक 16 दिसंबर को को एक और नाबालिग के घायल होने की सूचना मिली। जो 12 दिसंबर को हुए मुठभेड़ में घायल हुआ था। जिसे प्रथमिक इलाज के लिए भैरमगढ़ अस्पताल में लाया गया था। जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।

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