रायपुर। राजधानी में लावारिस शवों को दफनाने के लिए जगह की गंभीर कमी हो गई है। हालात यह हैं कि शव अस्पताल की मरच्यूरी में पड़े-पड़े सड़ रहे हैं और उनकी दुर्गंध पूरे परिसर में फैल रही है। डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल की मरच्यूरी में फिलहाल तीन अज्ञात शव अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे हैं। इनमें एक नवजात शिशु, 95 वर्षीय महिला और 65 वर्षीय पुरुष शामिल हैं।
अस्पताल स्टाफ ने बताया कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, लेकिन दफनाने की कोई जगह उपलब्ध नहीं है। फ्रीजर भी खराब हो चुके हैं, जिससे शवों को लंबे समय तक सुरक्षित रखना संभव नहीं है। अस्पताल में रोजाना करीब 15 शवों का पोस्टमार्टम होता है। यदि उसी दिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाए तो शव खुले में रखे जाते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।
शहर के कब्रिस्तान पहले ही भर चुके हैं। पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद नई जमीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जोरा और लाभांडी में पहले उपलब्ध कराई गई जमीन भी अब पूरी तरह भर चुकी है।
अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग की एचओडी डॉ. स्निग्धा जैन ने बताया कि फ्रीजर के मेंटेनेंस के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, जल्द ही सुधार किया जाएगा। वहीं कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा कि तहसीलदारों को रिपोर्ट तैयार करने और समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी दी गई है। फिलहाल लावारिस शवों की दफनाने की व्यवस्था नहीं होने से स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।