मनीष सरवैया@महासमुंद। शहर के संजय कानन में 250 जोड़ों ने सात फेरे लेकर परिणय सूत्र में बंधे। इस सामूहिक विवाह के साक्षी बनने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के संसदीय सचिव और विधायक विनोद चंद्राकर सामूहिक विवाह में शामिल होने पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की मनसा है कि शादी विवाह में होने वाले फिजूल खर्च को कम कर सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित कर निर्धन कन्याओं का विवाह कर उन्हें अच्छा वैवाहिक जीवन प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ राज्य कि मनसा अनुरुप पूरे प्रदेश भर में यह सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा 250 जोडे वर और वधू के लिए जोड़े, शूटर शेरवानी की व्यवस्था की गई है। विवाह संपन्न कराने में पूजा सामग्री सहित कन्याओं को दिया जाने वाले उपहार की भी व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से कराई जाती है।
छत्तीसगढ राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर है, जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का सहयोग नहीं मिला। इस सामूहिक विवाह के 37 दिनों से पहले अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल चले गए हैं। महिला बाल विकास ने सामूहिक विवाह को संपन्न कराने के लिए कोई कोर कसर नहीं रखा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताऑ के बिना भी महिला बाल विकास विभाग ने यह सामूहिक विवाह सम्पन्न करा लिया है।