रायपुर। छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों तक उत्तर और मध्य क्षेत्र में शीतलहर चलने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कुल 13 जिलों में कोल्ड वेव का यलो अलर्ट जारी किया है, जिनमें अंबिकापुर, बलौदाबाजार, पेंड्रा, दुर्ग, बिलासपुर, कोरिया, राजनांदगांव और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही प्रमुख हैं। इसके बाद तीन दिनों में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के असर से प्रदेश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। बलौदाबाजार, पेंड्रा और अंबिकापुर में लोग सुबह और शाम अलाव का सहारा ले रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की कमी से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मैदानी क्षेत्रों में दुर्ग सबसे ठंडा बना हुआ है, जहां रात का तापमान 10.2°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 7 डिग्री कम है। रायपुर में नवंबर महीने में नौ साल में दूसरी बार रात का तापमान 13°C तक गिरा। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 29.8°C दुर्ग में और न्यूनतम तापमान 6.5°C अंबिकापुर में दर्ज किया गया। अंबिकापुर में यह पिछले 10 सालों में सबसे कम तापमान है।
पेंड्रा में हल्की धुंध के बीच सूरज निकला है, लेकिन मौसम साफ होने के बाद कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है। बलौदाबाजार में भी लोग अलाव का सहारा लेकर दिन-रात गर्म रह रहे हैं।
नवंबर महीने में छत्तीसगढ़ का मौसम आमतौर पर ठंड की शुरुआत का संकेत देता है। मौसम विज्ञान केंद्र के रिकॉर्ड के अनुसार 2 नवंबर 1935 को अब तक का अधिकतम तापमान 35.6°C दर्ज किया गया था। वहीं, 22 नवंबर 1883 को न्यूनतम तापमान 8.3°C दर्ज हुआ, जो नवंबर महीने की अब तक की सबसे ठंडी रात मानी जाती है।
मौसम विभाग ने लोगों से ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने, अलाव का सही उपयोग करने और शीतलहर के दौरान आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है।
