रायपुर। रायपुर के समोदा गांव के गौठान में 17-18 गायों की मौत का मामला सामने आया है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की टीम ने जांच की। समिति के संयोजक विकास उपाध्याय ने बताया कि गौठान में हालात गंभीर हैं और मृतक गायों के शव चील और कौवों द्वारा नोच लिए जा रहे थे। गौठान में 50 गाय रखने की व्यवस्था थी, लेकिन लगभग 250-300 गायें रखी जा रही थीं।
भाजपा सरकार में गोवंश की सुरक्षा पर सवाल
विकास उपाध्याय ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद गोवंश की सुरक्षा कमजोर हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा गोवंश के नाम पर वोट मांगती है, लेकिन गोवंश की हत्या और तस्करी अब भी हो रही है। छत्तीसगढ़ की सीमाओं से गोवंश ओडिशा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा है और काटकर बेचा जा रहा है।
कांग्रेस की गौठान योजना थी मॉडल
उपाध्याय ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय गौठान योजना और गांव समितियों के माध्यम से डॉक्टरों की व्यवस्था होती थी। इससे गोवंश सुरक्षित रहते थे और सड़क हादसों में मौतें कम होती थीं। भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया, जिससे गोवंश की सुरक्षा खतरे में है।
सड़क हादसे और जिम्मेदारी
विकास ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में सड़क पर घूमते गोवंश से हादसे बढ़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ राजनीति कर रही है और गौठान में मरने वाले जानवरों को सम्मानजनक तरीके से नहीं संभाला गया।
कांग्रेस की जांच समिति ने रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को सौंपने का निर्णय लिया है। विकास उपाध्याय ने चेतावनी दी कि इस मुद्दे पर कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी और गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाएगी।