रायपुर। कस्टम मिलिंग स्कैम प्रकरण (अपराध क्रमांक-01/2024) में आज आरोपी अनिल टुटेजा एवं अनवर ढेबर के विरुद्ध भा.द.वि. की धारा 120बी, 384 एवं 409 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 11, 13(1)(क), 13(2) के अंतर्गत माननीय विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अ.) रायपुर में 1,500 पेज का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। दोनों आरोपी वर्तमान में केन्द्रीय जेल, रायपुर में निरूद्ध हैं।
पूर्व में फरवरी 2025 में ईओडब्ल्यू द्वारा रोशन चन्द्राकर एवं मनोज सोनी के खिलाफ इस प्रकरण में प्रथम चालान प्रस्तुत किया गया था। अभियोग पत्र के अनुसार, अनिल टुटेजा ने छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ आपराधिक षड्यंत्रपूर्वक कस्टम मिलिंग स्कैम में राईस मिलरों से अवैध वसूली की। इस अवैध वसूली से कम से कम 20 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया गया। राईस मिलरों से धनराशि वसूलने हेतु मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारियों पर दबाव डालकर उनके बिल लंबित रखे जाते थे, जिससे राईस मिलर 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अवैध धनराशि देते थे।
अभियोग पत्र में कहा गया है कि अनवर ढेबर, जो 2022-23 में राजनीतिक रूप से प्रभावशील थे, ने डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर न केवल शराब घोटाले, बल्कि पीडब्ल्यूडी, वन विभाग समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों पर भी प्रभाव डाला। उन्होंने अनिल टुटेजा द्वारा वसूली गई अवैध धनराशि का संग्रहण, व्यय, निवेश एवं उपभोग किया। प्रकरण में रामगोपाल अग्रवाल एवं अन्य आरोपियों के विरुद्ध भी जांच जारी है। ईओडब्ल्यू की इस कार्यवाही से स्पष्ट हुआ है कि स्कैम में कई पक्षों और राजनीतिक एवं प्रशासनिक प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता रही है।