केंद्रीय एजेंसियों के 12 लाख कर्मचारी अब Zoho Mail पर शिफ्ट, ऑडिट में सबसे सुरक्षित साबित हुआ प्लेटफॉर्म

दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के Zoho Mail से जुड़ने के सात दिन बाद अब देश की केंद्रीय एजेंसियों के 12 लाख से अधिक कर्मचारी भी इसी प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो गए हैं। यह कदम बढ़ते साइबर खतरों से निपटने, डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने और डिजिटल कार्यसंस्कृति को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है। Zoho एक भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी है, जिसकी स्थापना 1996 में श्रीधर वेंबु और टोनी थॉमस ने की थी। कंपनी का मुख्यालय चेन्नई में है और यह 160 देशों में 80 से ज्यादा क्लाउड-आधारित सेवाएं प्रदान करती है।

Zoho Mail पर शिफ्टिंग का फैसला अचानक नहीं लिया गया। 2022 में एम्स के सर्वर हैक होने और 1.3 टीबी डेटा लीक के बाद सरकार ने स्वदेशी और सुरक्षित मेल प्लेटफॉर्म की खोज शुरू की थी। 2023 में सूचना मंत्रालय द्वारा निकाले गए टेंडर में Zoho Mail को चुना गया। नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर (NIC) और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) ने इसके 20 सुरक्षा मानकों पर ऑडिट किया, जिसके बाद यह सबसे सुरक्षित साबित हुआ।

Zoho Mail पूरी तरह भारतीय तकनीक पर आधारित, एड-फ्री और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से लैस प्लेटफॉर्म है। इसमें ईमेल्स के साथ कैलेंडर, नोट्स और कॉन्टैक्ट्स जैसी सुविधाएं भी हैं। हाल ही में Zoho ने “Arattai” नामक मैसेजिंग ऐप लॉन्च किया, जो व्हाट्सएप का भारतीय विकल्प माना जा रहा है।

Zoho के फाउंडर श्रीधर वेंबु ने अमेरिका छोड़कर तमिलनाडु के तेनकासी जिले के एक गांव से कंपनी संचालन शुरू किया था। आज Zoho भारत की अग्रणी SaaS (Software as a Service) कंपनी है, जो पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड है और विश्वभर में 1 करोड़ से अधिक यूजर्स को सेवाएं दे रही है।

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