कब बुझेगी क्षेत्र के जनता की प्यास….जान जोखिम में डालकर पानी लाने को मजबूर लोग…सता रहा हादसे का डर

जितेंद्र गुप्ता@कोरबा। देश के कोने-कोने से जलसंकट की खबरें सामने आती रहती है। गर्मी तो बस बहाना है…लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की आंखे नहीं खुल रही है, और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पानी का संकट बना हुआ है. भीषण गर्मी में भी लोग मशक्कत कर रहे हैं. काम धंधा छोड़कर लोग पानी का इंतजार करते आपको दिख जाएंगे.

ऐसा ही हाल कोरबा के महेशपुर से सामने आया है. रहे हैं. कटघोरा वार्ड क्रमांक 7 महेशपुर रानी लक्ष्मीबाई नगर एक ऐसा वार्ड है, जहां की जनता को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है. जान जोखिम में डालकर बायपास पार कर लोग पानी ढोने को मजबूर है. जनता के लिए ये चुनौती से कम नहीं है. हर दिन बड़े हादसे का डर बना रहता है, लेकिन प्यास ने इंसान को मजबूर कर दिया है. ऐसा नहीं है कि नगर पालिका प्रशासन पानी की समस्या दूर करने के लिए कोई उपाय ना किया हो..पर वार्ड में प्रशासन के सभी कार्य फेल हुए . इसके पीछे का कारण क्षेत्र में पानी का स्त्रोत न होना है.

नगर पालिका ने कई बार इस क्षेत्र में बोर कराया, लेकिन धरती के गर्भ से पानी का बूंद नहीं रिस रहा…ये कोई गर्मी की समस्या नहीं है. सर्दी, बारिश में भी क्षेत्र की जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है…जनता का सहारा सिर्फ बायपास के पार स्थित कुंआ है.. जो क्षेत्र के लोगों का प्यास बूझा रहा है. भीषण गर्मी भी उनके कदमों को रोक नहीं पा रही है. अब भगवान भरोसे रह गया है कटघोरा का वार्ड….कब और कैसे लोगों को उनकी समस्या से निजात मिलेगा, ये कहना तो मुश्किल है….इसके लिए प्रशासन को भी कोई नए उपाय खोजने पड़ेंगे ..जिससे पानी का स्त्रोत मिले..और क्षेत्र की जनता को उनकी समस्या से निजात मिल सके….

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