आतंकी पन्नू को लेकर अमेरिका के बदले सुर, हत्या की साजिश के आरोप पर विदेश मंत्री ब्लिंकन बोले- भारत उठा रहा सही कदम

पन्नू की हत्या की कथित विफल साजिश की भारतीय जांच पर अमेरिका का बयान सामने आया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि मामले में भारत द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय है। आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय का नाम आने पर भारत सरकार ने इसकी जांच करने की बात कही है।

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित संलिप्तता के लिए पकड़े गए भारतीय नागरिक को लेकर अमेरिका का बयान सामने आया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि मामले में भारत द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय है।दरअसल, पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय का नाम आने पर भारत सरकार ने इसकी जांच करने की बात कही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए एक जांच पैनल भी गठित किया।

क्या बोले ब्लिंकन?

एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि मामले की जांच करने का भारत सरकार का निर्णय काफी अच्छा और उचित है और अमेरिका परिणाम देखने के लिए उत्सुक है। तेल अवीव में पत्रकारों से बात करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने पिछले हफ्तों में इस मामले को सीधे भारत सरकार के सामने उठाया है और भारत की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

भारत से चल रही बात

अमेरिका में एक भारतीय नागरिक पर पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर ब्लिंकन ने कहा, सबसे पहले, यह एक चल रहा कानूनी मामला है। इसलिए मैं इस पर विस्तार से टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं कह सकता हूं कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। हममें से कई लोगों ने पिछले हफ्तों में इसे सीधे भारत सरकार के समक्ष उठाया है। सरकार ने आज घोषणा की कि वह एक जांच कर रही है और यह अच्छा और उचित है।

भारतीय नागरिक पर अभियोग नहीं चलेगा

बता दें कि मामले में अमेरिकी न्याय विभाग ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित संलिप्तता के लिए एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग को खारिज कर दिया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया है कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसकी पहचान मैनहट्टन की एक संघीय अदालत में दायर अभियोग में नहीं की गई थी, उसने हत्या को अंजाम देने के लिए निखिल गुप्ता नामक एक भारतीय नागरिक को भाड़े पर रखा था। गुप्ता फिलहाल हिरासत में हैं और उस पर पैसे के बदले हत्या का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।

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