बलौदाबाजार हिंसा में प्रशासनिक सर्जरी, जांच में मिल रही साजिश की बू , जानिए प्रशासन कहां रहा फेल

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा के बाद राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है….मंगलवार देर रात जिले के कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद को हटा दिया गया है… आईएएस अधिकारी दीपक सोनी को बलौदाबाजार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है….विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे….वहीं, इस मामले में करीब 120 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है….साथ ही अभी तक की जांच में साजिश के संकेत मिल रहे हैं…मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय खुद ही सारी चीजों को मॉनिटर कर रहे हैं…. सीएम ने सतनामी समाज से शांति की अपील की है….साजिश की बू को भी बेनकाब करने के निर्देश दिए हैं….वहीं राज्य सरकार के तीन मंत्रियों ने पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव और बिलाईगढ़ की विधायक कविता प्राण लहरे पर समाज के लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है….दूसरी ओर कांग्रेस इस मामले में बेकफुट पर आ गई है…..

10 जून को हुई हिंसा के बाद दूसरे दिन प्रशासनिक अमला मुस्तैद नजर आई…हालांकि हिंसा को लेकर हालात की गंभीरता को समझने में पुलिस प्रशासन से बड़ी चूक हो गई…प्रशासन के पास पहले से यह सूचना नहीं थी कि…प्रदर्शनकारी हिंसा की बड़ी तैयारी के साथ आ रहे हैं….प्रशासन तंत्र इस पूरे मामले से अंजान था….बताया जा रहा है कि 10 हजार के करीब की भीड़ को रोकने के लिए सिर्फ 450 के करीब पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी…जो कि अपर्याप्त था…ये कोई पहली बार नहीं है…जिले में लॉ एड ऑर्डर बनाने के लिए पुलिस प्रशासन का अहम रोल होता है….लेकिन इस दौरान सुरक्षा में काफी खामियां भी देखने को मिली….अगर पुलिस के आला अधिकारियों ने पहले से तैयारी की होती तो..इतनी बड़ी हिंसा को अंजाम नहीं दिया जाता…वहीं इस दौरान प्रदेश की खुफिया एंजेसियां एक्टिव नहीं नजर आई….घटना के दूसरे दिन इनकी नींद खुली..और ताबड़तोड़ कार्रवाईयां और जांच शुरू की गई…दूसरी ओर जिले के एसपी सदानंद की बात करें तो नारायणपुर में धर्मांतरण की धधकती आग पर काबू पाने में असफल रह चुके हैं….उस बवाल में एसपी घायल भी हो गए थे…उनके घायल होने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.. जिसमें वे लहूलुहान हालत में दिख रहे थे… वहीं बलौदा बाजार में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर भाजपा के तीन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्यामबिहारी जायसवाल शामिल हुए थे…मंत्री बघेल ने कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे और पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार पर समाज को भड़काने का आरोप लगाया..उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने समाज को भड़काने का काम किया है… जानिए मंत्री टंकराम वर्मा ने बलौदाबाजार हिंसा पर क्या कहा….

बलौदाबाजार हिंसा और उपद्रव के बाद अब तक लगभग 200 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है….साइबर सेल की सहायता से मोबाइल फोन के माध्यम से भी लोगों को चिन्हित किया जा रहा… आयोजक मंडल के भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है… छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में बीते सोमवार को सतनामी समाज के लोगों ने उग्र आंदोलन किया….सतनाम समाज के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी में है… यहां असामाजिक तत्वों ने सतनाम समाज के आस्था के केंद्र अमर गुफा में स्थित महकोनी मंदिर परिसर में 15-16 मई की रात को जमकर तांडव किया था…शिकायत के बाद पुलिस ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की…. और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया…हालांकि सतनाम समाज के लोगों में गुस्सा कम नहीं हुआ है…धार्मिक स्तंभ ‘जैतखाम’ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सोमवार को सतनामी समाज ने आंदोलन किया था…इस मामले में लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे… वहीं 10 जून को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी…. प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त कार्यालय भवन में आग लगा दी थी….100 बाइक, 30 से अधिक चारपहिया और दो दमकल वाहन को आग के हवाले किया गया है….50 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं….वहीं, घटना के बाद बलौदाबाजार शहर में 16 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है…. घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री अरुण ने क्या कहा…..

बलौदाबाजार में हिंसा के बाद अब इसमें सियासत शुरू हो चुकी है…जहां एक ओर सरकार के तीन मंत्रियों ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता की…और हिंसा के पीछे सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया..वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हिंसा के पीछे सरकार के खुफिया विभाग को असफल बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से इस्तीफा मांगा है….वहीं बलौदाबाजार घटना को कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया…और कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं…. लोग संयम बरते… सरकार की लापरवाही से यह स्थिति निर्मित हुई है….अगर जैत खम्भ को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ 15 दिन पहले कार्रवाई हो जाती तो….शायद दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित नहीं होती….

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी… राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है… ये समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक हैं….हैरानी की बात यह है कि…जिस समाज ने हिंसा का रास्ता चुना… उनके गुरु घासीदास हमेशा हिंसा का विरोध करते आए हैं….उन्होंने ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश दिया… जिसने छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों को एकजुट किया…. हालांकि दावा किया गया है कि… ऐसी वारदात सतनामी समाज के लोग नहीं कर सकते…. इसमें जरूर असामाजिक तत्व शामिल हैं….

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